“सफल फिल्मकार -नासिर हुसैन”
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'तेरी ज़ुल्फ़ों से, जुदाई तो नहीं माँगी थीक़ैद माँगी थी, रिहाई तो नहीं माँगी थी मैने क्या ज़ुर्म किया, आप खफ़ा हो बैठेप्यार माँगा…
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'तेरी ज़ुल्फ़ों से, जुदाई तो नहीं माँगी थीक़ैद माँगी थी, रिहाई तो नहीं माँगी थी मैने क्या ज़ुर्म किया, आप खफ़ा हो बैठेप्यार माँगा…
On His Birth Anniversary हम बने तुम बने एक दूजे के लियेउस को क़सम लगे जो बिछड़ के इक पल भी जियेहम बने तुम बने एक दूजे के लिये A.…
By Jagmohan Singh Barhok On His Death Anniversary फूल खिलते हैं लोग मिलते हैंपतझड़ में जो फूल मुरझा जाते हैंवो बहारों के आने से खिलते नहींकुछ लोग एक रोज़ जो…