“सदाबहार अभिनेता देव आनंद”
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'नज़रों से कितने तीर चलेचलने दो जिगर पर झेलेंगेइन प्यार की उजली राहों परहम जान की बाज़ी खेलेंगेइन दो नैनों के सागर मेंकोई दिल…
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'नज़रों से कितने तीर चलेचलने दो जिगर पर झेलेंगेइन प्यार की उजली राहों परहम जान की बाज़ी खेलेंगेइन दो नैनों के सागर मेंकोई दिल…
By Jagmohan Singh Barhok On His Birth Anniversary सुना गम जुदाई का, उठाते हैं लोगजाने ज़िंदगी कैसे, बिताते हैं लोगदिन भी यहाँ तो लगे, बरस के समानहमें इंतज़ार कितना, ये…
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से पुण्य तिथि के अवसर पर 'ओ ओ मेरे राजा, खफ़ा न होनादेर से आई, दूर से आईमजबूरी थी फिर भी मैनेवादा तो निभाया, वादा…