“स्वर्गीय रौशन नागरथ की याद में “
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'दिल ने जब प्यार के रंगीन फ़साने छेड़ेआँखों आँखों ने वफ़ाओं के तराने छेड़ेसोग में डूब गयी आज वोसोग में डूब गयी आज वो…
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'दिल ने जब प्यार के रंगीन फ़साने छेड़ेआँखों आँखों ने वफ़ाओं के तराने छेड़ेसोग में डूब गयी आज वोसोग में डूब गयी आज वो…
By Jagmohan Singh Barhok ये नर्म सी खामोशी ये रेशमी अँधेराकहता है ज़ुल्फ़ खोलो रुक जायेगा सवेराजुगुनू से मिल के चमके तारे से झिलमिलायेंआओ शमा बुझा के Jabeen Jalil was…
By Jagmohan Singh Barhok On His Birth Anniversary चलिये मुबारक, ये जश्न दोस्ती कादामन तो थामा आप ने किसी कादामन तो थामा आप ने किसी काहमें तो खुशी यही हैतुम्हें…