” फिल्म ‘कटी पतंग’ आज ही के दिन रिलीज़ हुई थी”
जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'सपनों के देवता क्या, तुझको करूँ मैं अर्पणपतझड़ की मैं हूँ छाया, मैं आँसुओं का दर्पणयही मेरा रूप है यही मेरा रँग हैमेरी ज़िंदगी…
जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'सपनों के देवता क्या, तुझको करूँ मैं अर्पणपतझड़ की मैं हूँ छाया, मैं आँसुओं का दर्पणयही मेरा रूप है यही मेरा रँग हैमेरी ज़िंदगी…