“The Tragedy King-Dilip Kumar”
By Jagmohan Singh Barhok On His Birth Anniversary मिलती नहीं है मंज़िलराही जो हो अकेलादो हों तो फिर जहां भीचाहे लगा लो मेलादिल मिल गए तो फिर क्याजंगल भी एक…
By Jagmohan Singh Barhok On His Birth Anniversary मिलती नहीं है मंज़िलराही जो हो अकेलादो हों तो फिर जहां भीचाहे लगा लो मेलादिल मिल गए तो फिर क्याजंगल भी एक…
By Jagmohan Singh Barhok काँटों से खींच के ये आँचल तोड़ के बंधन बांधे पायल कोई न रोको दिल की उड़ान को दिल वो चला.. आज फिर जीने की तमन्ना…
By Jagmohan Singh Barhok On His Birth Anniversary" 'आज पुरानी राहों सेकोई मुझे आवाज़ ना देदर्द में डूबे गीत न देगम का सिसकता साज़ न देहो हो हो हो ओ..…