” फिल्म ‘कटी पतंग’ आज ही के दिन रिलीज़ हुई थी”
जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'सपनों के देवता क्या, तुझको करूँ मैं अर्पणपतझड़ की मैं हूँ छाया, मैं आँसुओं का दर्पणयही मेरा रूप है यही मेरा रँग हैमेरी ज़िंदगी…
जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'सपनों के देवता क्या, तुझको करूँ मैं अर्पणपतझड़ की मैं हूँ छाया, मैं आँसुओं का दर्पणयही मेरा रूप है यही मेरा रँग हैमेरी ज़िंदगी…
By Jagmohan Singh Barhok On His 30th Death Anniversary क्या कहूँ कुछ कहा नहीं जायेबिन कहे भी रहा नहीं जायेरात भर करवट मैं बदलूंदर्द दिल का सहा नहीं जाये नींद…