“Romanticism & Social-Consciousness were Hallmark of His Films”
By Jagmohan Singh Barhok भूल सकती नहीं आँखे वो सुहाना मंज़रजब तेरा हुस्न मेरे इश्क़ से टकराया थाऔर फिर राह में बिखरे थे हज़ारो नग्मेमै वो नगमे तेरी आवाज़ को…
By Jagmohan Singh Barhok भूल सकती नहीं आँखे वो सुहाना मंज़रजब तेरा हुस्न मेरे इश्क़ से टकराया थाऔर फिर राह में बिखरे थे हज़ारो नग्मेमै वो नगमे तेरी आवाज़ को…