“Romanticism Was His Forte- Sashadhar Mukherjee”
By Jagmohan Singh Barhok प्यार की बिजलियाँ मुस्कुराएंदेखिये आप पर गिर न जाएंदिल कहे देखता ही रहूँ मैंसामने बैठकर ये अदाएंदिल कहेन मैं हूँ नाज़नींन मैं हूँ महजबींआप ही की…
By Jagmohan Singh Barhok प्यार की बिजलियाँ मुस्कुराएंदेखिये आप पर गिर न जाएंदिल कहे देखता ही रहूँ मैंसामने बैठकर ये अदाएंदिल कहेन मैं हूँ नाज़नींन मैं हूँ महजबींआप ही की…
By Jagmohan Singh Barhok बहुत शुक्रिया बड़ी मेहरबानीमेरी ज़िन्दगी में हुजूर आप आयेकदम चूम लूँ याके आँखे बिछा दूँकरूँ क्या यह मेरीसमझ में न आयेबहुत शुक्रिया Sashadhar Mukherjee who began…
By Jagmohan Singh Barhok On His Birth Anniversary" 'आज पुरानी राहों सेकोई मुझे आवाज़ ना देदर्द में डूबे गीत न देगम का सिसकता साज़ न देहो हो हो हो ओ..…