“The Debonaire Who Played A Labour Was Born On Labour Day, Too”
By Jagmohan Singh Barhok घायल मन का पागल पंछीउड़ने को बेक़रारपंख हैं कोमल आँख हैं धुँधलीजाना है सागर पारजाना है सागर पारअब तू ही इसे समझाराह भूले थे कहाँ से…
By Jagmohan Singh Barhok घायल मन का पागल पंछीउड़ने को बेक़रारपंख हैं कोमल आँख हैं धुँधलीजाना है सागर पारजाना है सागर पारअब तू ही इसे समझाराह भूले थे कहाँ से…
By Jagmohan Singh Barhok On Her Death Anniversary कुछ पाकर खोना है कुछ खोकर पाना है जीवन का मतलब तो आना और जाना है दो पल के जीवन से इक…
By Jagmohan Singh Barhok तुम संग जनम जनम के फेरेभूल गये क्यूँ साजन मेरेतड़पत हूँ मैं सांझ सवेरे, ओआ जा रे परदेसीमैं तो कब से खड़ी इस पारये अँखियाँ, थक…