“गीता बाली – मनमोहक एवं विलक्षण प्रतिभा सम्पन्न कलानेत्री”
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'शोला जो भड़के दिल मेरा धड़केदर्द जवानी का सताए बढ़-बढ़ के' बम्बई विजिट के दौरान जहाज़ में एक व्यक्ति ने मेरे से पूछा था…
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'शोला जो भड़के दिल मेरा धड़केदर्द जवानी का सताए बढ़-बढ़ के' बम्बई विजिट के दौरान जहाज़ में एक व्यक्ति ने मेरे से पूछा था…
By Jagmohan Singh Barhok On His Birth Anniversary रिवाज़ों की परवाह ना रस्मों का डर हैतेरी आँख के फ़ैसले पे नज़र हैबला से अगर रास्ता पुर्खतर हैमैं इस हाथ को…
By Jagmohan Singh Barhok On His Death Anniversary नज़रों से कितने तीर चलेचलने दो जिगर पर झेलेंगेइन प्यार की उजली राहों परहम जान की बाज़ी खेलेंगेइन दो नैनों के सागर…