“स्वर्गीय रौशन नागरथ की याद में “

-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'दिल ने जब प्यार के रंगीन फ़साने छेड़ेआँखों आँखों ने वफ़ाओं के तराने छेड़ेसोग में डूब गयी आज वोसोग में डूब गयी आज वो…

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