“Suchitra Sen- Marched into Celluloid like Colossus”
By Jagmohan Singh Barhok रहें ना रहें हम, महका करेंगेबन के कली, बन के सबा, बाग़े वफ़ा में …मौसम कोई हो इस चमन मेंरंग बनके रहेंगे इन फ़िज़ा मेंचाहत की…
By Jagmohan Singh Barhok रहें ना रहें हम, महका करेंगेबन के कली, बन के सबा, बाग़े वफ़ा में …मौसम कोई हो इस चमन मेंरंग बनके रहेंगे इन फ़िज़ा मेंचाहत की…
By Jagmohan Singh Barhok On His Birth Anniversary बागों में फूलों के खिलने से पहलेतेरे मेरे नैनों के मिलने से पहलेकहाँ की ये बातेंमुलाकातेंऐसी रातेंटूटा तारा था ये मन मेराबन…