“Master of Suspense Oriented Social Films -B. R. Chopra”
By Jagmohan Singh Barhok तार्रुफ़ रोग हो जाये तो उसको भूलना बेहतर ताल्लुक बोझ बन जाये तो उसको तोड़ना अच्छा वो अफ़साना जिसे अंजाम तक लाना ना हो मुमकिन उसे…
By Jagmohan Singh Barhok तार्रुफ़ रोग हो जाये तो उसको भूलना बेहतर ताल्लुक बोझ बन जाये तो उसको तोड़ना अच्छा वो अफ़साना जिसे अंजाम तक लाना ना हो मुमकिन उसे…
By Jagmohan Singh Barhok On Her 86th Birth Anniversary मेरी रातों के पहले ख्वाब का तारा नहीं टूटाये क्या कम है कभी मुझसे मेरा बचपन नहीं रूठाआग और पानी एक…
Jagmohan Singh Barhok आइये मेहरबाँ, बैठिये जाने-जाँशौक़ से लीजिये जी, इश्क की इम्तहाँ कैसे हो तुम नौजवाँ, इतने हसीं महमाँकैसे करूँ मैं बयाँ, दिल की नहीं है ज़ुबाँआइये मेहरबाँ… On…