“सदाबहार अभिनेता देव आनंद”
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'नज़रों से कितने तीर चलेचलने दो जिगर पर झेलेंगेइन प्यार की उजली राहों परहम जान की बाज़ी खेलेंगेइन दो नैनों के सागर मेंकोई दिल…
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'नज़रों से कितने तीर चलेचलने दो जिगर पर झेलेंगेइन प्यार की उजली राहों परहम जान की बाज़ी खेलेंगेइन दो नैनों के सागर मेंकोई दिल…
By Jagmohan Singh Barhok On His Death Anniversary फूल खिलते हैं लोग मिलते हैंपतझड़ में जो फूल मुरझा जाते हैंवो बहारों के आने से खिलते नहींकुछ लोग एक रोज़ जो…
By Jagmohan Singh Barhok काँटों से खींच के ये आँचलतोड़ के बंधन बांधे पायलकोई न रोको दिल की उड़ान कोदिल वो चला..आज फिर जीने की तमन्ना हैआज फिर मरने का…