“सफल फिल्मकार -नासिर हुसैन”
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'तेरी ज़ुल्फ़ों से, जुदाई तो नहीं माँगी थीक़ैद माँगी थी, रिहाई तो नहीं माँगी थी मैने क्या ज़ुर्म किया, आप खफ़ा हो बैठेप्यार माँगा…
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'तेरी ज़ुल्फ़ों से, जुदाई तो नहीं माँगी थीक़ैद माँगी थी, रिहाई तो नहीं माँगी थी मैने क्या ज़ुर्म किया, आप खफ़ा हो बैठेप्यार माँगा…
By Jagmohan Singh Barhok On His Death Anniversary बोल मेरी तकदीर में क्या है, मेरे हमसफ़र अब तो बताजीवन के दो पहलू हैं, हरियाली और रास्ताकहाँ है मेरे प्यार की…
By Jagmohan Singh Barhok On His Death Anniversary यहाँ इक खिलौना है इन्सां की हस्तीये बस्ती है मुर्दा-परस्तों की बस्तीयहाँ पर तो जीवन से है मौत सस्तीये दुनियां अगर मिल…