“In the Everlasting Memory of Chetan Anand”
By Jagmohan Singh Barhok On His Birth Anniversary सुना गम जुदाई का, उठाते हैं लोगजाने ज़िंदगी कैसे, बिताते हैं लोगदिन भी यहाँ तो लगे, बरस के समानहमें इंतज़ार कितना, ये…
By Jagmohan Singh Barhok On His Birth Anniversary सुना गम जुदाई का, उठाते हैं लोगजाने ज़िंदगी कैसे, बिताते हैं लोगदिन भी यहाँ तो लगे, बरस के समानहमें इंतज़ार कितना, ये…
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 46 वीं वर्षगाँठ मैं बचपन में अपने पिताजी के साथ अक्सर फिल्म का नाईट शो देखने जाया करता था. मेरे पिताजी ज्यादातर बैंक में…
By Jagmohan Singh Barhok बाबूजी धीरे चलना प्यार में ज़रा सम्भलना हाँ बड़े धोखे हैं बड़े धोखे हैं इस राह में, बाबूजी ... क्यूँ हो खोये हुये सर झुकाये जैसे…