“In The Profound Memory of Dashing Feroz Khan:
By Jagmohan Singh Barhok जहां न हो कोईहम दोनों के सिवादूर कहीं दूर हमें ले चलो सनमदूर कहीं दूर हमें ले चलो सनम Feroz Khan, the handsome debonair of the…
By Jagmohan Singh Barhok जहां न हो कोईहम दोनों के सिवादूर कहीं दूर हमें ले चलो सनमदूर कहीं दूर हमें ले चलो सनम Feroz Khan, the handsome debonair of the…
By Jagmohan Singh Barhok On His Death Anniversary ये शोखियाँ ये बाँकापनजो तुझ में है कहीं नहींदिलों को जीतने का फ़नजो तुझ में है कहीं नहींमैं तेरीमैं तेरी आँखों में…