“अमीया चक्रवर्ती: सफल फिल्म निर्देशक-कहानीकार”
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'वो घड़ी याद है जब तुम से मुलाक़ात हुईएक इशारा हुआ दो हाथ बढ़े बात हुईदेखते देखते दिन ढल गया और रात हुईवो समां…
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'वो घड़ी याद है जब तुम से मुलाक़ात हुईएक इशारा हुआ दो हाथ बढ़े बात हुईदेखते देखते दिन ढल गया और रात हुईवो समां…
By Jagmohan Singh Barhok On His Birth Anniversary मिलती नहीं है मंज़िलराही जो हो अकेलादो हों तो फिर जहां भीचाहे लगा लो मेलादिल मिल गए तो फिर क्याजंगल भी एक…
By Jagmohan Singh Barhok फिर से ऐसा, रागसुना रे ,राग सुना रेझूम उठे ये ग़म के मारेझूम उठे ये ग़म के मारेहाय तू ही गया मोहे भूल रे The Bengali…