“He Remained ‘Ever Green’ Until He Breathed His Last”
By Jagmohan Singh Barhok On His Death Anniversary नज़रों से कितने तीर चलेचलने दो जिगर पर झेलेंगेइन प्यार की उजली राहों परहम जान की बाज़ी खेलेंगेइन दो नैनों के सागर…
By Jagmohan Singh Barhok On His Death Anniversary नज़रों से कितने तीर चलेचलने दो जिगर पर झेलेंगेइन प्यार की उजली राहों परहम जान की बाज़ी खेलेंगेइन दो नैनों के सागर…
By Jagmohan Singh Barhok On Her Death Anniversary बाबूजी धीरे चलनाप्यार में ज़रा सम्भलनाहाँ बड़े धोखे हैबड़े धोखे हैं इस राह मेंबाबूजी धीरे चलना Shakila, born Badshah Begum on Ist…
By Jagmohan Singh Barhok On Her Birth Anniversary होय गोरा रंग चुनरिया कालीमोतियों वाली की दिल मेराहोय होय होय की दिल मेरा लूट लिया Born Malikunnisa to father Mumtaz Ali…