“Suchitra Sen- Marched into Celluloid like Colossus”
By Jagmohan Singh Barhok रहें ना रहें हम, महका करेंगेबन के कली, बन के सबा, बाग़े वफ़ा में …मौसम कोई हो इस चमन मेंरंग बनके रहेंगे इन फ़िज़ा मेंचाहत की…
By Jagmohan Singh Barhok रहें ना रहें हम, महका करेंगेबन के कली, बन के सबा, बाग़े वफ़ा में …मौसम कोई हो इस चमन मेंरंग बनके रहेंगे इन फ़िज़ा मेंचाहत की…
By Jagmohan Singh Barhok On His Death Anniversary नज़रों से कितने तीर चलेचलने दो जिगर पर झेलेंगेइन प्यार की उजली राहों परहम जान की बाज़ी खेलेंगेइन दो नैनों के सागर…
By Jagmohan Singh Barhok On His Birth Anniversary प्यार की बिजलियाँ मुस्कुरायेंदेखिये आप पर गिर न जायेंदिल कहे देखता ही रहूँ मैंसामने बैठकरयह अदायें दिल कहेदिल कहे देखता ही रहूँ…