“Ahead Of His Time-Guru Dutt”
By Jagmohan Singh Barhok On His Death Anniversary जुल्फ़ें हैं जैसे कांधों पे बादल झुके हुएआँखें हैं जैसे मय के प्याले भरे हुएमस्ती हैं जिसमे प्यार की तुम वो शराब…
By Jagmohan Singh Barhok On His Death Anniversary जुल्फ़ें हैं जैसे कांधों पे बादल झुके हुएआँखें हैं जैसे मय के प्याले भरे हुएमस्ती हैं जिसमे प्यार की तुम वो शराब…