“स्वर्गीय रौशन नागरथ की याद में “
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'दिल ने जब प्यार के रंगीन फ़साने छेड़ेआँखों आँखों ने वफ़ाओं के तराने छेड़ेसोग में डूब गयी आज वोसोग में डूब गयी आज वो…
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'दिल ने जब प्यार के रंगीन फ़साने छेड़ेआँखों आँखों ने वफ़ाओं के तराने छेड़ेसोग में डूब गयी आज वोसोग में डूब गयी आज वो…
By Jagmohan Singh Barhok दिलों को रौंद कर दिल अपना बहलाया नहीं करतेजो ठुकराए गए हों उनको ठुकराया नहीं करतेख़यालों में किसी के, इस तरह आया नहीं करतेकिसी को बेवफ़ा…
By Jagmohan Singh Barhok शोला जो भड़के दिल मेरा धड़केशोला जो भड़के दिल मेरा धड़केदर्द जवानी का सताये बढ़ बढ़ के Remembered On Her Death Anniversary Born in a Sikh…