“स्वर्गीय रौशन नागरथ की याद में “
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'दिल ने जब प्यार के रंगीन फ़साने छेड़ेआँखों आँखों ने वफ़ाओं के तराने छेड़ेसोग में डूब गयी आज वोसोग में डूब गयी आज वो…
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'दिल ने जब प्यार के रंगीन फ़साने छेड़ेआँखों आँखों ने वफ़ाओं के तराने छेड़ेसोग में डूब गयी आज वोसोग में डूब गयी आज वो…
By Jagmohan Singh Barhok On Her Birth Anniversary ऐ दिल मुझे बता दे, तू किस पे आ गया हैवो कौन है जो आकर, ख्वाबों पे छा गया हैमस्ती भरा तराना,…
By Jagmohan Singh Barhok समां बड़ा ही सुहाना रे सजनामेरे सपने में आना रे सजनामेरे सपने में आना रेRaj Hath-1956 Known by her nom de plume Madhubala, Begam Mumtaj Jehan…