“शादी की सालगिरह के मौके पर”
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 46 वीं वर्षगाँठ मैं बचपन में अपने पिताजी के साथ अक्सर फिल्म का नाईट शो देखने जाया करता था. मेरे पिताजी ज्यादातर बैंक में…
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 46 वीं वर्षगाँठ मैं बचपन में अपने पिताजी के साथ अक्सर फिल्म का नाईट शो देखने जाया करता था. मेरे पिताजी ज्यादातर बैंक में…
By Jagmohan Singh Barhok On His 30th Death Anniversary क्या कहूँ कुछ कहा नहीं जायेबिन कहे भी रहा नहीं जायेरात भर करवट मैं बदलूंदर्द दिल का सहा नहीं जाये नींद…
By Jagmohan Singh Barhok On His 107th Birth Anniversary अफसाना लिख रही हूँदिल-ए -बेक़रार काआँखों में रंगभर के तेरे इंतज़ार काफिल्म -Dard There is no denying the fact that Bollywood…