“नए साल के उपलक्ष्य में गीतों भरी एक शाम”
प्रस्तुति: जगमोहन सिंह बरहोक -ये चांद सा रोशन चेहरा,ज़ुल्फ़ों का रंग सुनहराये झील सी नीली आँखें,कोई राज़ है इनमें गहरातारीफ़ करूँ क्या उसकी,जिसने तुम्हें बनाया एक चीज़ क़यामत सी है,…
प्रस्तुति: जगमोहन सिंह बरहोक -ये चांद सा रोशन चेहरा,ज़ुल्फ़ों का रंग सुनहराये झील सी नीली आँखें,कोई राज़ है इनमें गहरातारीफ़ करूँ क्या उसकी,जिसने तुम्हें बनाया एक चीज़ क़यामत सी है,…
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से पुण्य तिथि के अवसर पर 'ओ ओ मेरे राजा, खफ़ा न होनादेर से आई, दूर से आईमजबूरी थी फिर भी मैनेवादा तो निभाया, वादा…
By Jagmohan Singh Barhok छेड़ा मेरे दिल नेतराना तेरे प्यार काजिसने सुना खो गयापूरा नशा हो गयाछेड़ा मेरे दिल नेतराना तेरे प्यार का Hrishikesh Mukherjee, one of the leading and…