“Carving A Niche For Himself -A Tribute to Shailendra”
By Jagmohan Singh Barhok 'भूली बिसरी यादें मेरे हँसते गाते बचपन की रात बिरात चली आतीं हैं, नींद चुराने नैनन की अब कह दूँगी, करते करते, कितने सावन बीत गये…
By Jagmohan Singh Barhok 'भूली बिसरी यादें मेरे हँसते गाते बचपन की रात बिरात चली आतीं हैं, नींद चुराने नैनन की अब कह दूँगी, करते करते, कितने सावन बीत गये…
By Jagmohan Singh Barhok On His Birth Anniversary 'चुरा ले ना तुमको ये मौसम सुहानाखुली वादियों में अकेली न जानालुभाता है मुझको ये मौसम सुहानामैं जाउंगी तुम मेरे पीछे न…
By Jagmohan Singh Barhok तेरी राहों में खड़े हैं दिल थाम के हम हैं दीवाने तेरे नाम के मेरी आखियों के नूर, मेरे दिल के सुरूर चाहे रहो दूर दूर,…