“Suchitra Sen- Marched into Celluloid like Colossus”
By Jagmohan Singh Barhok रहें ना रहें हम, महका करेंगेबन के कली, बन के सबा, बाग़े वफ़ा में …मौसम कोई हो इस चमन मेंरंग बनके रहेंगे इन फ़िज़ा मेंचाहत की…
By Jagmohan Singh Barhok रहें ना रहें हम, महका करेंगेबन के कली, बन के सबा, बाग़े वफ़ा में …मौसम कोई हो इस चमन मेंरंग बनके रहेंगे इन फ़िज़ा मेंचाहत की…
By Jamohan Singh Barhok On Her Death Anniversary मैं हर रात जागी कि इस बार शायदमोहब्बत तुम्हें इस तरफ खींच लायेतुम्हारी कसम तुम बहुत याद आयेन पूछो ये दिन हमने…
By Jagmohan Singh Barhok On His Birth Anniversary तुम आ गए हो, नूर आ गया है नहीं तो चरागों से लौ जा रही थी जीने की तुमसे, वजह मिल गयी…