“Continues To Feel His Beans-Kamal Hasan”
On His Birth Anniversary हम बने तुम बने एक दूजे के लियेउस को क़सम लगे जो बिछड़ के इक पल भी जियेहम बने तुम बने एक दूजे के लिये A.…
On His Birth Anniversary हम बने तुम बने एक दूजे के लियेउस को क़सम लगे जो बिछड़ के इक पल भी जियेहम बने तुम बने एक दूजे के लिये A.…
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से उनकी पुण्यतिथि पर 'हवा के साथ साथघटा के संग संगओ साथी चलमुझे लेके साथ चल तूयूँ ही दिन-रात चल तूसम्भल मेरे साथ चल तूले…
-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से 'कितने जलवे फ़िज़ाओं में बिखरे मगरमैने अबतक किसीको पुकरा नहींतुमको देखा तो नज़रें ये कहने लगींहमको चेहरे से हटना गवारा नहींतुम अगर मेरी नज़रों…