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“दिलफेरब हुस्न की मलिका एवं मोहक अदाकारा मधुबाला “

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-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से

आज पुण्यतिथि पर

‘मेरे परदेसिया की यही है निशानी
अँखियां बिलौर की शीशे की जवानी
ठण्डी ठण्डी आहों का सलाम दे गया
जाते जाते मीठा मीठा ग़म दे गया
इक परदेसी मेरा दिल ले गया
जाते जाते मीठा मीठा ग़म दे गया’

सुंदर मुस्कान, नाज़ो अंदाज़ एवं अपनी अदाकारी से लाखों करोड़ों सिनेमा प्रेमियों के दिलों पर राज़ करने वाली अदाकारा मधुबाला के हिंदी फिल्मों के आलावा हॉलीवुड में भी कई चाहनेवाले थे. मधुबाला की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पचास के दशक में मशहूर अमरीकी लाइफ पत्रिका में उनकी तस्वीरें नियमित रूप से छपती थीं एवं फोटोग्राफर उनके सम्पर्क में रहते थे। लाइफ एक साप्ताहिक पत्रिका थी जो 1978 में मासिक पत्रिका बन कर अमीरों और संपन्न लोगों के जीवन का हिस्सा बन गई. हॉलीवुड के जाने-माने निर्देशक फ्रैंक कैपरा. भी उन्हें फिल्मों में लेना चाहते थे, लेकिन मधुबाला के पिता ऐसा नहीं चाहते थे। ‘वीनस ऑफ इंडिया’, ‘मैरिलिन मुनरो ऑफ बॉलीवुड’ और ‘द ब्यूटी विद ट्रेजडी’ जैसी उपाधियों से सम्मानित मधुबाला ने लाखों फिल्म प्रेमियों को मंत्रमुग्ध किया एवं अन्य अभिनेत्रियों से कहीं अधिक प्रशंसा हासिल की।

वेंट्रिकुलर सेप्टल दोष हृदय रोग से अब जब उनकी मृत्यु हुई तो एकबारगी हर कोई चकित रह गया यह। एक जन्मजात हृदय रोग है. जिसमें हृदय के निचले दो वेनट्रिकल के बीच एक छेद होता है. इस छेद की वजह से रक्त हृदय के बाएं भाग से दाएं भाग में बह जाता है. यह रोग सर्जरी या दिल के दौरे के बाद वयस्कों में भी हो सकता है। कुछ लोगों में यह समय के साथ ठीक हो जाता है अन्यथा इलाज़ करवाना पड़ता है। भारत में वीएसडी सर्जरी की लागत अन्य विकसित देशों की तुलना में काफी कम (3 से 6 लाख ) है। कई लोगों का मानना ​​​​है कि “ओपन हार्ट सर्जरी के जनक” प्रसिद्ध अमेरिकी सर्जन वाल्टन लिली का जन्म थोड़ा पहले हुआ होता या मधुबाला शायद कुछ अधिक समय तक जीवित रह सकती थीं।

उनकी सुंदरता ने कई हॉलीवुड फिल्म निर्माताओं और प्रकाशकों को मोहित एवं प्रभावित किया था । वह 1916 में शेल्डन वॉरेन चेनी द्वारा स्थापित हॉलीवुड पत्रिका- थिएटर आर्ट्स में भी उन्हें स्थान दिया गया था एवं “दुनिया का सबसे बड़ा सितारा ” शीर्षक से एक पूरा लेख उन्हें समर्पित किया था.

मधुबाला अभिनेता दिलीप कुमार से शादी करना चाहती थी लेकिन उसके पिता ‘सोने के अंडे देने वाली मुर्गी’ को छोड़ना नहीं चाहते थे इसी वजह से उनका मिलन नहीं हो पाया। 1960 में मधुबाला ने गायक किशोर कुमार से शादी कर ली लेकिन अधिकतर समय वो बीमार ही रही। बीमारी की वजह से कई फ़िल्में उनके हाथ से निकल गयी और कई मुकम्मल नहीं हो पायीं। मधुबाला की मशहूर फिल्मों में ‘अमर’, ‘मिस्टर एंड मिसेज 55’, ‘फागुन’, ‘हावड़ा ब्रिज’, ‘ काला पानी’ , ‘चलती का नाम गाड़ी’ , ‘मुगले आजम’,और ‘बरसात की रात’ उल्लेखनीय हैं मधुबाला का जन्म दिल्ली में हुआ था और उनका बचपन का नाम मुमताज़ जहाँ बेगम देहलवी था। सुनील दत्त अभिनीत “ज्वाला ” उनकी मृत्यु के बाद 1971 में रिलीज़ हुई थी।

‘अच्छा जी मैं हारी, चलो मान जाओ ना
देखी सबकी यारी, मेरा दिल जलाओ ना’

23 फरवरी 1 969 को उनका देहांत हो गया

Credit Pics: Respective Films/Current Owner if any

Jagmohan Singh Barhok

Leading Film , Fashion ,Sports & Crime Journalist Up North. Active Since 1971.Retired Bank Officer. Contributed more than 7000 articles worldwide in English, Hindi & Punjabi languages on various topics of interesting & informative nature including people, places, cultures, religions & monuments. Ardent Music lover.

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