-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से
आज देश भर में संत रविदास की जयंती मनाई जा रही है। संत रविदास के भजन गुरु ग्रंथ साहिब में भी पढ़ने को मिलते हैं जो अपने समय के मशहूर कवि एवं रचयिता थे। सिख गुरुओं की तरह उन्होंने भी जातिवाद के खिलाफ काम किया और अपनी रचनाओं में आध्यात्म पर बल दिया। इस अवसर पर गुरुद्वारों में दीवान सजाये जाते हैं और रागी जत्थे कीर्तन कर लोगों को निहाल करते हैं. दुनियां के अन्य हिस्सों में भी उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है विशेषरूप से इंग्लैंड में इस मौके पर जुलुस भी निकाला जाता है।
