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“तथ्यों पर आधारित लेकिन सही आंकलन ” “

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-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से

अखबारों में दिल्ली असेंबली के रिजल्ट से सम्बंधित विचार विमर्श होने से पूर्व ही मैंने तीन पोस्ट अलग -अलग वेब साइट्स पर डाली थी अब समाचार पत्रों में काफ़ी कुछ आप देख पढ़ चुके हैं। दिल्ली में अगर AAP कांग्रेस से मिली होती तो उनकी सीटें 22 +15 ( कांग्रेस द्वारा काटी गई ) =37 तो होती ही, इकट्ठे होने पर 4-5 सीट्स ‘बोनस’ के रूप में भी मिलती। दूसरा अगर सरकार बनती तो ‘आप’ की बनती कांग्रेस की नहीं मतलब ‘आम के आम गुठलियों के दाम ‘ वाली बात रहती। हालाँकि AAP के वोट % में ज्यादह कमी नहीं आई. अब सब कुछ डूब गया है उल्टा ‘पंजाब भी खतरे में पड़ गया।

यहां हमेशां अकाली दल या कांग्रेस का वर्चस्व रहा है आप को किस्मत से जीत मिली थी। इस बार बीजेपी भी मैदान में होगी। अगर ‘अकाली’ मिल गए तो ‘त्रिकोणीय मुक़ाबला’ तय है। बताने की ज़रुरत नहीं की बीजेपी भी यहाँ पर ‘बिजली फ्री’ कर सकती है एवं ‘लेडीज’ को 1000 के बजाय 1500 दे सकती है. सोचिये उस दशा में लोग किधर जायेंगे ? मध्यम वर्ग बट जायेगा लेकिन हो सकता है फ़ायदा BJP को मिले क्योंकि दिल्ली वाला जोश यहां भी दिख सकता है।

सभी दलों ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक संयुक्त दल तो बनाया था लेकिन उसके बाद सभी लोग अपने अपने अहंकार के चलते अलग हो गये। परिणामस्वरूप कांग्रेस-आप दोनों पार्टियाँ हरियाणा की हार के बाद दिल्ली भी हार गयी.

Jagmohan Singh Barhok

Leading Film , Fashion ,Sports & Crime Journalist Up North. Active Since 1971.Retired Bank Officer. Contributed more than 7000 articles worldwide in English, Hindi & Punjabi languages on various topics of interesting & informative nature including people, places, cultures, religions & monuments. Ardent Music lover.

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