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” गुदगुदाने वाले दिलफ़रेब गीतों के संगीतकार ओ.पी.नैय्यर “

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-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से

99वीं पुण्य तिथि पर

‘न मैं हूँ नाज़नीं
न मैं हूँ महजबीं
आप ही की नज़र है दीवानी
मैं प्यार का राही हूँ’

ओंकार प्रसाद नैय्यर, हिंदी फ़िल्मी दनियाँ के ऐसे चहेते संगीतकार रहें हैं जिन्हें दुनियां भर में हिंदी फिल्मों में पंजाबी लोक-धुनों पर आधारित गीत- संगीत को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है नैय्यर ने एक से बढ़कर एक मधुर गीतों को अपने संगीत से सजाया संवारा। नैय्यर ने “आर पार”, “सी.आई.डी.” जैसी फिल्मों में कई बेहतरीन ,सदाबहार गुदगुदाने वाले गीतों की रचना की। “तुमसा नहीं देखा”, “कश्मीर की कली”, “नया दौर”, “फागुन” “हावड़ा ब्रिज” और “बहारें फिर भी आएंगी” आदि उनकी कुछ उल्लेखनीय फ़िल्में हैं .गीता दत्त और आशा भोंसले उनकी पसंदीदा गायिकाओं में शुमार होती हैं। लता मंगेशकर से अनबन के चलते उन्होंने कभी गाने नहीं गवाए जिस पर लोगों को हमेशा हैरानी हुई। नैय्यर ने “नया दौर” (1958) के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। ” ये देश है वीर जवानों का, अलबेलों का मस्तानों का ” , “माँगके साथ तुम्हारा, मैंने माँग लिया संसार”, “रेशमी सलवार, कुर्ता जाली का” और “उड़ें जब जब जुल्फें तेरी कुँवारियों का दिल मचले ” आदि फ़िल्म के कुछ चर्चित एवं गीत हिट थे।

फिल्म ‘हावड़ा ब्रिज’ का अशोक कुमार-मधुबाला पर फिल्माया गीत “आइए मेहरबां बैठें जान ए जान” सुन कर आज भी लोग आनंदित होते हैं. इसी तरह अभिनेत्री शकीला पर फ़िल्माया गया गीत “बाबूजी धीरे चलना” भी श्रोता अभी तक नहीं भूले। “बहुत शुक्रिया, बड़ी मेहरबानी”, “आप यूं ही अगर हमसे मिलते रहे” और “मैं प्यार का राही हूँ, तेरी ज़ुल्फ़ के साये में” (एक मुसाफिर एक हसीना) मेरे चुनिन्दा गीतों में शामिल रहे हैं। 1962 में रिलीज़ इस फिल्म में साधना-जॉय मुखर्जी अभिनीत यह फ़िल्म 1962 में रिलीज़ हुई थी। राज़ खोसला ने फिल्म का निर्देशन किया।

उनकी फिल्मों के हिट गीतों में “कभी आर कभी पार लागा तीरे नजर”, “आंखों ही आंखों में इशारा हो गया”, “सर पे टोपी लाल हाथ में रेशम का रुमाल ओ तेरा क्या कहना”, ” एक परदेसी मेरा दिल ले गया, जाते-जाते मीठा मीठा गम दे गया”, ”इशारों इशारों में दिल लेनेवाले”, ”यही वो जगह है, यही वो फिजा है”, “आंखें से जो उतरी है दिल में”, “मांग के साथ तुम्हारा”, ”बहुत शुक्रिया बड़ी मेहरबानी”, “हमदम मेरे, मान भी जाओ”, और “आओ हुज़ूर तुमको सितारों में ले चलूँ” आदि शामिल हैं। नय्यर आज भी अपने जोशोख़रोश एवं मस्ती भरे दिलफरेब गीतों के लिए याद किये जाते हैं।

‘फिर मिलोगे कभी इस बात का वादा कर लो
हमसे एक और मुलाकात का वादा कर लो
दिल की हर बात अधूरी है अभी
अपनी एक और मुलाकात अभी है
चंद लम्हों के लिए साथ का वादा कर लो
हमसे एक और मुलाकात का वादा कर लो
फिर मिलोगे कभी इस बात का वादा कर लो’

28 जनवरी 2007 को उन्होंने इस संसार को अलविदा कह दिया

Jagmohan Singh Barhok

Leading Film , Fashion ,Sports & Crime Journalist Up North. Active Since 1971.Retired Bank Officer. Contributed more than 7000 articles worldwide in English, Hindi & Punjabi languages on various topics of interesting & informative nature including people, places, cultures, religions & monuments. Ardent Music lover.

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