-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से
जन्म दिवस पर विशेष
हिंदी फिल्मों में शुरु से ही हस्य कलाकारों का बोलबाला रहा है टुनटुन, गोप , मुकरी, जॉनी वॉकर, महमूद कुछ चर्चित नाम हैं। चरित्र अभिनेताओं में कॉमेडी का तड़का लगाने वालों में ओम प्रकाश अग्रणी कहे जा सकते हैं. उन्होंने दर्ज़नो फिल्मों में संजीदा भमिकाएँ भी अभिनीत की हैं।
जाने-माने हास्य और चरित्र -अभिनेता ओम प्रकाश को सबसे पहले पंजाबी फिल्म निर्माता दलसुख पंचोली ने देखा परखा था। पंचोली की फ़िल्म “दासी” (1944 ) में काम करने के बाद बाद निर्माता ने कुछ और फिल्मों में काम दिया। पंचोली को पहली पंजाबी फिल्म बनाने का श्रेय दिया जाता है। उन्हें गुल-ए-बकावली में प्राण और नूरजहां को पेश करने के लिए भी जाना जाता है।

स्वतंत्रता के बाद ओम प्रकाश दिल्ली चले गए और वहां से बॉम्बे पहुंचे जहां उन पर बलदेव राज चोपड़ा की नजर पड़ी जो उस समय पत्रकार थे और बाद में मशहूर निर्माता-निर्देशक बने। इस पृष्ठभूमि में ओम प्रकाश ने अपने करियर को सजाया संवारा। दिलीप कमर कुमार की फिल्म “आजाद” (1955) में ओम प्रकाश ने कांस्टेबल की भूमिका निभाई और “मिस मैरी” (1957) में जेमिनी गणेशन और मीना कुमारी के साथ काम किया। देवेंद्र गोयल द्वारा निर्देशित “दस लाख” (1968) की रिलीज के साथ उन्होंने सफलता के शिखर को छुआ और ‘फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता’ का पुरस्कार जीता। प्राण, संजय खान, बबीता और हेलेन अभिनीत यह फिल्म सिल्वर जुबली हिट रही थी, जिसमें आशा भोसले द्वारा गाया गया एक लोकप्रिय गीत “गरीबो की सुनो” भी था।

मैंने उनकी कुछ पिछली फिल्में – “रेल का डिब्बा” (1953), “मरीन ड्राइव” (1955), “भाई भाई” (1956) और मधुबाला, अशोक कुमार और के.एन. सिंह अभिनीत “हावड़ा ब्रिज” (1958) कानपुर में देखी थीं, जिसमें ओ.पी. नैयर के निर्देशन में आशा भोसले द्वारा गाया गया गीत ‘आइये मेहरबान’ आज भी दर्शको को याद है। “हरियाली और रास्ता” (1962), “भरोसा” (1963) “खानदान” (1965), “प्यार किये जा” (1966), “पूरब और पश्चिम”, “मेरा नाम जोकर” (1970), “परवाना”, “हलचल”, “बुड्ढा मिल गया”, “पराया धन” (1971), “जंजीर” (1973) और नमक हलाल (1982) उनकी अन्य लोकप्रिय फ़िल्में थीं। ‘अमर प्रेम’ में शराब डाल कर गोलगप्पे खाने वाले इस अदाकार को आप नहीं भूले होंगे , ऐसा मेरा विश्वास है। ‘तेरे घर के सामने ‘(1963 ) नमक हलाल (1982) एवं शराबी (1984 ) में भी वह नज़र आये थे। ज़ंज़ीर (1973 ) में उनका शायद गेस्ट रोल था।
