You are currently viewing “मस्त , आकर्षक और सफल अभिनेता-अभिनेता शम्मी कपूर “

“मस्त , आकर्षक और सफल अभिनेता-अभिनेता शम्मी कपूर “

Spread the love

-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से

जन्मदिन पर विशेष

‘बदन पे सितारे लपेटे हुए ,
ओ जाने तमन्ना किधर जा रही हो
जरा पास आओ तो चैन आ जाए’.

शर्मीला टैगोर और सायरा बानू जैसी नवोदित भिनेत्रियों के साथ पहली ही फिल्म में अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे शम्मी कपूर पापाजी के नाम से मशहूर पृथ्वीराज कपूर के सबसे छोटे बेटे थे. शम्मी की बचपन से ही फिल्मों में रुचि थी उन्होंने अपने पिता और बड़े भाई राज कपूर को फिल्मों में काम करते देखा था यही पृष्ठभूमि उनके कलाकार बनने में सहयोगी बनी. उनकी पहली फिल्म महेश कौल निर्देशित जीवन ज्योति” (1953) थी, जिसमें उन्होंने चांद उस्मानी के साथ काम किया था, लेकिन शशधर मुखर्जी की फिल्म “तुमसा नहीं देखा” (1957) से उन्हें पहचान मिली। फिल्म में अमीता उनकी नायिका थी नासिर हुसैन द्वारा निर्देशित,और ओ.पी. नैय्यर- के संगीत से सजी इस फिल्म के कई गीत लोकप्रिय हुए जिनमें “सर पर टोपी लाल हाथ में रेशम का रुमाल” , “देखो कसम से कहते हैं तुमसे हां”, “जवानियाँ यां ये मस्त मस्त बिन पीये”, “छुपनेवाले सामने आ”, और थीम सॉन्ग “यूं तो हमने लाख हंसी देखे हैं, तुमसा नहीं देखा” उल्लेखनीय हैं ।

फिल्म की बॉक्स ऑफिस सफलता से उत्साहित होकर मुखर्जी ने “दिल दे के देखो ” (1959 ) में शम्मी कपूर को दोहराया। नासिर हुसैन के निर्देशन में उषा खन्ना का संगीत कामयब रहा. फिल्म सफल रही. “ओ. बड़े हैं दिल के काले”, “हम और तुम और ये समा”, “बोलो बोलो कुछ तो बोलो” मक़बूल गीत रहे । रमेश सहगल की “उजाला” (1958) भी सफल रही जिसमें माला सिन्हा उनकी नायिका थी. – “झूमता मासूम, मस्त महीना” (मन्ना डे-लता), “तेरा जलवा जिसने देखा” (लता) और “दुनिया वालों से दूर, जलने” वालों से दूर” (मुकेश-लता) उल्लेखनीय गीत थे।

1961 में शम्मी को सुबोध मुखर्जी की “जंगली” में अभिनेत्री सायरा बानो के साथ कास्ट किया गया. “चाहे कोई मुझे जंगली कहे”, “एहसान तेरा होगा”, “कश्मीर की कली हूं मैं”, “दिन सारा गुजारा तोरे अंगना”, “नैन तुम्हारे मजेदार” जैसे गानों से सजी यह एक अन्य संगीतमय फिल्म थी . इसके बाद शम्मी कपूर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सफलता उनके कदम चूमने लगी – “दिल तेरा दीवाना” (“मुझे कितना प्यार है तुमसे”) और लेख टंडन की “प्रोफेसर “खुली पलक में झूठा गुस्सा”, और “मैं चली मैं चली”,भी हिट रहीं। दोनों फिल्में 1962 में रिलीज़ हुईं, इसके बाद “राजकुमार (“तुमने पुकारा और हम चले आए”) और शक्ति सामंत की रोमांटिक म्यूजिकल “कश्मीर की कली” (दोनों 1964) भी सफल रहीं । नवोदित शर्मिला टैगोर इस फिल्म की नायिका थीं। “ये चांद सा रोशन चेहरा”, “है दुनियां उसकी, ज़माना उसका”, “इशारों इशारों में दिल लेनेवाले”, और “दीवाना हुआ बादल” फिल्म के चर्चित गीत थे संगीत ओ.पी. नैयर का था।

विजय आनंद निर्देशित और आशा पारेख और प्रेम चोपड़ा अभिनीत थ्रिलर “तीसरी मंजिल” भी “ओ हसीना जुल्फोंवाली जाने जहां”, “ओ मेरे सोना रे सोना रे सोना रे” और “आजा आजा मैं हूँ प्यार तेरा” संगीतमय फिल्म के रूप में हिट रही इस फिल्म का संगीत आर. डी. बर्मन ने तैयार किया था।

किस्मत के धनी शम्मी कपूर को कई युवा अभिनेत्रियों के साथ डेब्यू करने का श्रेय दिया जाता है -1950 के दशक में श्रीलंका की यात्रा के दौरान मिस्र की मशहूर डांसर ‘नादिया गमाल’ के साथ उनके प्रेम सम्बन्ध चर्चा का विषय बने नादिया गमाल को देव आनंद ने अपनी फिल्म “प्रेम पुजारी” में कास्ट किया था। बाद में शम्मी कपूर ने प्रसिद्ध अभिनेत्री ‘गीता बाली’ से विवाह किया। उनकी मृत्यु के बाद उन्होंने 1969 में नीला देवी दोबारा शादी की जो अंत तक चली । कई अभिनेत्रियों ने उन्हें अपने समय का सबसे स्टाइलिश भारतीय नायक माना। उनकी अन्य उल्लेखनीय फिल्मों में- “ब्लफ़ मास्टर”, “बदतमीज़”, “एन इवनिंग इन पेरिस”, “प्रिंस”, “मनोरंजन”, “ज़मीर”, “शालीमार”, “नसीब”, “देश प्रेमी”, “प्रेम रोग” और “विधाता” (फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार ) शामिल हैं. राजश्री के साथ उनकी फ़िल्म “ब्रह्मचारी” ने कई फिल्मफेयर पुरस्कार जीते जिनमें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी शामिल है। फिल्म में कई लोकप्रिय गाने थे- जिनमें “आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे” और “दिल के झरोखे में” जैसे दो बेहतरीन गीतों का ज़िक्र किया जा सकता है। सिनेमा प्रेमियों को बेशुमार खुशी और आनंद देने वाले अभिनेता का निधन 14 अगस्त 2011 को मुंबई में निधन हो गया ।

आज खेलो मेरी ज़ुल्फ़ों से, इजाज़त है तुम्हें
मुझको छू लो, मेरी नस नस में शरारे भर दो
मेरे दिलदार मेरी आँखों में रहने वाले
मैं तुम्हारी हूँ, मेरी माँग में तारे भर दो
तुम ने पुकारा और हम चले आए
दिल हथेली पर ले आए रे

शम्मी कपूर का जन्म 21 अक्टूबर 1931 को हुआ था.

Jagmohan Singh Barhok

Leading Film , Fashion ,Sports & Crime Journalist Up North. Active Since 1971.Retired Bank Officer. Contributed more than 7000 articles worldwide in English, Hindi & Punjabi languages on various topics of interesting & informative nature including people, places, cultures, religions & monuments. Ardent Music lover.

Leave a Reply