-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से
‘मेहँदी लगा के रखना, डोली सजा के रखना
लेने तुझे ओ गोरी, आएँगे तेरे सजना
सहरा सजा के रखना, चेहरा छुपा के रखना
ये दिल की बात अपने, दिल में दबा के रखना’
“दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे”, शाहरुख खान -काजोल और अमरीश अभिनीत फिल्म है जो आज के दिन 1995 में पारदर्शितहुई थी। फिल्म अपने गीत संगीत, प्रेम और भारतीय संस्कृति की शानदार प्रस्तुति के लिए जानी जाती है. मुंबई के ‘मराठा मंदिर’ सिनेमा में फिल्म ने सबसे लम्बी अवधि तक चलने का रिकॉर्ड बनाया था इसी सिनेमा में मैंने 1976 में शायद ‘शोले’ देखी थी।
फिल्म की कहानी एक पारम्परिक भारतीय पिता की छवि को प्रस्तत करती है अपनी पुत्री की शादी एक गुणी और कर्तव्यनिष्ठ दामाद से करना चाहते हैं जबकि उनकी लड़की एक बेहद रोमंटिक छवि वाले यवक से प्रेम कर बैठती है। फिल्म की शूटिंग लंदन में हुई थी। इल्म फिल्म के गाने बेहद मक़बूल हुए थे विशेष तौर पर करवा चौथ वाला गीत. काजोल ने फिल्म में ‘सिमरन’ का किरदार अभिनीत किया किया जबकि उसके उच्छृंखल प्रेमी की भूमिका ‘शाह रुख खान’ ने निभाई जो इससे पहले नेगेटिव रोल करते आये थे. फिल्म के प्रदर्शनऔर मेकिंग के के बारे में काफ़ी कुछ लिखा जा चुका है इसलिए मैं सिर्फ इतना ही बताना चाहता हूँ की कई नामी -गरामी पत्र- पत्रिकाओं ने फिल्म को सर्वाधिक सफल और चर्चित फिल्म का दर्ज़ा दिया था।
