-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से
“कच्ची कली” से लोकप्रियता हासिल करने वाली एक्ट्रेस सोनिका गिल ने सुभाष घई की 1989 में प्रदर्शित सुपरहिट फिल्म “राम लखन” (1989) में अत्यंत मॉड विविया की भूमिका अभिनीत की थी। फिल्म में राखी, जैकी श्रॉफ, अनिल कपूर, डिंपल कपाड़िया, माधुरी दीक्षित और अमरीश पुरी के अतिरिक्त परेश रावल, अनुपम खेर, गुलशन ग्रोवर, सईद जाफ़री और सतीश कौशिक भी थे। यह विशुद्ध रूप से एक मसाला फिल्म थी जिसका निर्माण निम्न और मध्यम वर्ग के दर्शकों को ध्यान में रख कर किया गया था. फिल्म सफल रही और सबको मालामाल कर गयी. फिल्म का एक गीत “तेरा नाम लिया तुझे याद किया” लोकप्रिय हुआ था । यह वर्ष 1989 की ‘मैंने प्यार किया’ के बाद दूसरी सर्वाधिक कमाई करने वाली फिल्म थी ‘चांदनी’ और ‘त्रिदेव’ वर्ष की अन्य सफल फिल्में थी। सोनिका गिल पर गीत भी फिल्माए गए थे मसलन- “डालो खाक, ओ जी ओ हीरो बोलो जी जीरो” शामिल है.
दिलचस्प बात यह है कि आज भी जब सोनिका गिल की चर्चा होती ही तो उसकी इन्हीं तीन फिल्मों – “कच्ची कली” (1987), “लाश” (1998) और “राम लखन” (1989) का ही ज़िक्र होता है । सोनिका गिल ने सबसे पहले तब सुर्खियाँ बटोरीं जब उन्हें “कच्ची कली” में कास्ट किया गया, जिसमें उन्होंने एक मासूम कुंवारी लड़की का किरदार निभाया था, जिसे उसका प्रेमी (अजिंक्य देव) बहका फुसलाकर कर जिस्मफरोशी का धंधा करवाता है और ब्लू फिल्में बनाता है। आलोक नाथ ने उनके भाई की भूमिका निभाई। यह “खुली खिड़की” जैसी एक बहू प्रचारित फिल्म थी, जो सिनेमा हॉल में दर्शकों की भीड़ आकर्षित करने में सफल हुई थी। अभिलाषा ,पिंचू कपूर और कपिल करज़ान सहायक भमिकाओं में थे। मनसुख लाल निर्देशित फिल्म “लाश” एक सस्पेंस थ्रिलर थी जिसमें एक ‘भूतिया घर में’ आने वाला हर व्यक्ति मारा जाता है। यूनुस परवेज़ राजेन्द्रनाथ और अनिल धवन फिल्म के अन्य सितारे थे. सोनिका गिल “यारां नाल बहारां ” नामक एक पंजाबी फिल्म में भी दिखाई दीं, जिसने कथित तौर पर पूर्वी पंजाब और लंदन में अच्छी कमाई की थी । “दाल मैं कुछ काला है” (2012) और “शातिर द फॉक्स” (2014) उनकी कुछ आखिरी फिल्में थीं।
