जन्म वर्षगांठ के अवसर पर
मनुष्य के जीवन में माँ की विशेष भूमिका रहती है। हिंदी फिल्मों में भी माँ की भूमिका वाली अभिनेत्रियाँ चर्चा में रहीं जिनमें निरूपा रॉय, सुलोचना, वीना, लीला मिश्रा, दुर्गा खोटे ललिता पवार आदि उल्लेखनीय हैं जिनमें से कुछ अभिनेत्रियों ने कई फिल्मों में बतौर नायिका भी काम किया है। हर एक्ट्रेस का अपना अलग अंदाज़ और किरदार रहता है। मसलन वीना औरदुर्गा खोटे ने अधिकतर दबंग और उच्च वर्गीय महिला किरदार अभिनीत किये हैं। लीला मिश्रा ने माँ और मौसी की भूमिकाएँ देहाती परिवेश में की हैं। ललिता पवार राज कपूर की कई फिल्मों में क्रिस्चियन के रोल में नजर आईं।

अभिनेत्री निगार सुल्ताना-श्याम अभिनीत फिल्म पतंगा (1949) से अपनी फिल्मी सफर शुरू करने वाली अदाकारा पूर्णिमा भी इन्हीं अभिनेत्रियों में से एक है। फिल्म ज़ंज़ीर (1973) में उन्होंने अमिताभ बच्चन की माँ की भूमिका अभिनीत की थी।
पूर्णिमा ने 1950 के दशक में दूसरी शादी भगवान दास वर्मा से की थी जो अपने समय के जाने माने निर्माता निर्देशक और वर्मा पिक्चर्स के मालिक थे। पहली शायद से उत्पन्न पूर्णिमा के बेटे का नाम अनवर हाश्मी था. एक्टर इमरान हाश्मी उन्हीं का बेटा है। पूर्णिमा की बड़ी बहन शीरीं ( ‘लेदर फेस’ और ‘परदेसी सैयां’ फेम ) निर्माता निर्देशक महेश भट्ट और मुकेश भट्ट की माँ थी इस तरह भगवान दास वर्मा और भट्ट परिवार एक दूसरे से सम्बंधित हैं।
