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“2000 के नोट पर मची हाय तौबा -विचारणीय विषय “

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-जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से

1947 में 5000 और 10000 रूपये का नोट चलन में था। कोई परेशानी नहीं थी क्योंकि ब्रिटिश राज्य में भ्रष्टाचार नहीं था जो अब है. महंगाई और गोल्ड के आधार पर इस समय 10000 ,25000 और 50000 के नोट चलन में होने चाहिए थे. इस स्तिथि के लिए बड़े पैमान पर होनेवाला भ्रष्टाचार जिम्मदार है। कोई भी सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगा सकी क्योंकि सरकार के लोग ही उसमे सबसे अधिक शामिल थे। साधारण लोगों को कोई दिक्कत नहीं है अधिकतर पड़े लिखे लोगों को शुरू से ही पता था कि 2000 का नोट कभी भी बंद हो सकता है। पिछली नोटबंदी पर सरकार को वांछित सफलता नहीं मिली थी संभवता इसी वजह से ऐसा किया गया है ताकि इस बार वास्तुस्तिथि की जानकारी लग पाये।

Jagmohan Singh Barhok

Leading Film , Fashion ,Sports & Crime Journalist Up North. Active Since 1971.Retired Bank Officer. Contributed more than 7000 articles worldwide in English, Hindi & Punjabi languages on various topics of interesting & informative nature including people, places, cultures, religions & monuments. Ardent Music lover.

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