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“सेलिब्रिटी – और फैशन इंडस्ट्री”

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जगमोहन सिंह बरहोक की कलम से

सेलिब्रिटी आमतौर पर वे लोग होते हैं जिनकी दुनिया भर में लोकप्रियता होती है और लाखों लोगों द्वारा उनकी पूजा की जाती है। मुख्य रूप से सिनेमा, टीवी और संगीत की दुनिया में प्रसिद्धि पाने वाले लोगों को ही सेलिब्रिटी कहा जाता है। सभी मॉडल सेलिब्रिटी नहीं हैं। केवल सुपर मॉडल ही इस श्रेणी में आती हैं । इसी तरह सभी फिल्म और टीवी अभिनेता या अभिनेत्रियाँ सेलिब्रिटी नहीं हैं। ‘मिस टेक्सास ‘या ‘मिस लुधियाना’ को अस्थायी रूप से ‘सेलिब्रिटी’ कहा जा सकता है, स्थायी रूप से नहीं । एक-दो फिल्मों में काम करने वाली अभिनेत्रियों या अभिनेताओं को भी सेलिब्रिटी के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता । फिल्म ‘स्टार’ का दर्जा हासिल करने के लिए कम से कम 2 या 3 फिल्मों का एक के बाद एक हिट या सुपर हिट होना आवश्यक होता है। दशकों से फिल्मों में काम करने वाली कई अभिनेत्रियों और अभिनेताओं को लोकेशन शूटिंग के दौरान स्लीपर क्लास में सफर करना पड़ता है जिस से से मेरे कथन की पुष्टि होती है. ‘बी’ या ‘सी’ ग्रेड फिल्मों या टीवी में काम करने वाली सभी अभिनेत्रियां सेलिब्रिटी होने का दावा नहीं कर सकती। फ़िल्मी दुनिया के नामी गरामी सितारों के साथ उठने बैठने और प्रमुख पत्र -पत्रिकाओं में उनके इंटरव्यू प्रकशित करने वाले कुछ पत्रकार और मशहूर अभिनेत्रियों के फोटोशूट करने वाले फोटोग्राफर ‘सेमी सेलिब्रिटी ‘ की श्रेणी में आते हैं क्योंकि वे फिल्म अथवा टीवी स्क्रीन पर नहीं दिखाई देते।

सौंदर्य -प्रतियोगिताओं में विजयी सुंदरियां स्थायी तौर पर तब सेलेब्रिटी कहलाती हैं जब उन्हें अंतराष्ट्रीय स्तर पर सफलता मिलती है और फिल्म और फैशन की दुनिया में भी उनकी तूती बोलने लगती है जैसे प्रियंका चोपड़ा और ऐश्वर्या बच्चन। मिस यूनिवर्स और मिस वर्ल्ड का खिताब जीतने वाली कई सुंदरियों को बदहाली के दौर से गुजरना पड़ा है।

सुपरमॉडल जो, अक्सर ‘ओट कुटूर’ (Haute Couture) का हिस्सा बनती हैं, करोड़ों की कमाई करती हैं और दुनियां भर में जिनकी तूती बोलती है सिर्फ वही ‘सेलिब्रिटी’ कहलाती हैं। ‘ओट कुटूर’ फैशन प्रतियोगिताओं में प्रदर्शित कपड़े इतने महंगे होते हैं कि कोई मध्यम वर्ग का व्यक्ति यहाँ तक कि कई मॉडल और एक्ट्रेस भी उन्हें खरीदने की हिम्मत नहीं कर सकते। उन्हें सिर्फ फैशन शो के दौरान ही प्रदर्शित किया जाता है। उदहारण के तौर पर एक ब्रा या पैंटी की कीमत डेढ़- दो लाख से शुरू होकर दस लाख तक जा सकती है। दुल्हन के लिबास ( ब्राइडल ड्रेस ) की कीमत $ 100,000-150,000 तक हो सकती है, जो डिजाइनिंग , साज सज्जा ब्रांड पर निर्भर करती है।

‘ओट कुटूर’ (उत्कृष्ट फैशन) का सीधा सम्बन्ध मुख्य रूप से पेरिस न्यूयॉर्क, लंदन और मिलान में होने वाली फैशन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाली मॉडल्स से है जिनमे से अधिकतर सुपरमॉडल्स की श्रेणी में आती हैं. मिसाल के तौर पर – नाओमी कैम्पबेल, गेसेले बंडचेन , क्लाउडिआ शिफर, एड्रिआना लीमा ,सिंडी क्रॉफोर्ड ,हैदी क्लूम, क्रिस्टी ब्रिंकले आदि सुपरमॉडल हैं.

रोज़ाना प्रयोग में आने वाले वस्त्रों के कीमत आमतौर पर 20,000 अमरीकी डॉलर से शुरू होती है, लेकिन यह कीमत ब्रांड पर निर्भर करती है। चैनल ‘हाउते कॉउचर’ की कीमत आमतौर पर $ 40,000-80,000 के बीच होती है जबकि दुल्हन के लिबास ( ब्राइडल ड्रेस ) की कीमत $ 100,000-150,000 तक हो सकती है, जो डिजाइनिंग और साज सज्जा पर निर्भर करती है.

जब सचिन तेंदुलकर भारतीय क्रिकेट टीम में थे तो कई ब्रांड्स के लिये मॉडलिंग करते थे . उसी टीम मैं गांगुली और राहुल द्रविड़ भी थे लेकिन दोनों किसी ब्रांड को रिप्रेजेंट नहीं करते थे. जिसका अर्थ है की उनकी अहमियत कम थी या नहीं थी जबकि वह भी सेलिब्रिटी माने जाते थे। धोनी भी कई टॉप ब्रांड के लिये प्रचार करते थे लेकिन अन्य खिलाडियों के पास प्रचार हेतु कोई ब्रांड नहीं था। अब सारी प्रचार सामग्री विराट कोहली के नाम है अन्य खिलाडियों के पास इक्का दुक्का ही ब्रांड्स हैं। कहने का मतलब यह है की सभी के पास पैसा और नाम तो है लेकिन उनको सचिन, धोनी या कोहली के समकक्ष नहीं समझा जाता .

इसी तरह गिनी चुनी अभिनेत्रयों और अभिनेताओं के पास ही एंडोर्समेंट्स हैं अधिकतर एक्टर्स या एक्ट्रेसेस के पास प्रचार हेतु कोई ब्रांड नहीं है. लेकिन सभी अपने आप को सेलिब्रिटी की श्रेणी में रखते हैं यहाँ तक की एक दो इरोटिक वेब सीरीज में काम करने वाले कलाकार भी खुद को सेलिब्रिटी समझने लगते हैं. इसी तरह कोई फिल्म निर्माता यदि एक दो फ़िल्में बना लेता है ,भले ही न चलें, लेकिन वह भी खुद को सेलिब्रिटी समझने लगता है। छोटी बड़ी नवोदित अभिनेत्रियां भी दावा करती हैं की इंस्टाग्राम पर उनके 5 लाख 10 या 15 लाख चाहनेवाले हैं लेकिन किसी बड़ी फिल्म में वह कभी दिखाई नहीं देती. और न ही उनके पास एंडोर्समेंट के लिए बड़े ब्रांड होते हैं। भारत की जनसँख्या लगभग 137 करोड़ है। अगर कोई 5 या 10 लाख की फॉलोविंग होने पर सेलिब्रिटी होने का दावा करता है तो वह गलत है। हमारे देश में करोड़ों की फॉलोविंग तो कई बाबाओं की ही है.

सेलिब्रिटी कहलाने के लिये एक दो नहीं कई चीज़ों की ज़रुरत होती है-नाम, शोहरत,ब्रांड वैल्यू ,सफलता ,फैन फॉलोविंग , मोटा पारिश्रमिक एवं कई अन्य चीज़ें। फूटबाल के दिग्गज रोनाल्डो और मैसी के चाहनेवालों की संख्या 48 और 36 करोड़ है जबकि विश्व में विराट कोहली लगभग 21 करोड़ के साथ 17वें नंबर पर काबिज़ है. भारत में उनका पहला स्थान है दूसरे नंबर पर प्रियंका चोपड़ा 8 करोड़ , श्रद्धा कपूर 7 करोड़ प्लस और प्रधान मंत्री मोदी हैं जिनकी अकेले ट्विटर पर 4 करोड़ 35 लाख फॉलोविंग है और दुनियां में वह तीसरे स्थान पर काबिज़ हैं. ये संख्या सोशल मीडिया की है जिस में इंस्टाग्राम मुख्य है। धोनी और सचिन के 3 करोड़ 80 लाख और 3 करोड़ 50 लाख फैंस हैं।

कुछ पोर्नस्टार भी सेलिब्रिटी कहलाते हैं। पोर्न एक्ट्रेस सोफी डी की फॉलोविंग 1 करोड़ 40 लाख के आस पास है. वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट के दिग्गज रॉक फैन फॉलोविंग की दृष्टि से विश्व के पहले छह ( 32 करोड़ ) व्यक्तियों में से एक हैं क्योंकि रॉक हॉलीवुड के जाने मानेफ़िल्मी सितारे हैं जबकि वर्ल्ड और यूनिवर्सल चैंपियन रोमन रेन्स की फोल्लोविंग मात्र 67 लाख है। सबसे अधिक फोल्लोविंग रोंडा रॉउसी की 1 करोड़ 60 लाख है।

राज कपूर, देव आनंद, दिलीप कुमार और उमरीगर ,मंजरेकर और दुर्रानी जैसे कई अन्य क्रिकेट के दिग्गज भी सेलिब्रिटी थे लेकिन उन दिनों यह शब्द इतना पॉपुलर नहीं था जितनी महिमा इसकी आज है। यह सब पैसे का ही कमाल है.

Jagmohan Singh Barhok

Leading Film , Fashion ,Sports & Crime Journalist Up North. Active Since 1971.Retired Bank Officer. Contributed more than 7000 articles worldwide in English, Hindi & Punjabi languages on various topics of interesting & informative nature including people, places, cultures, religions & monuments. Ardent Music lover.

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